अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं की...
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day)
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं की उपलब्धियों, योगदान और उनके द्वारा किए गए संघर्षों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। साथ ही, यह दिन लिंग समानता और महिलाओं के अधिकारों के समर्थन में आवाज़ उठाने का अवसर भी है।
इस दिवस की शुरुआत 20वीं सदी में श्रमिक आंदोलनों के दौरान हुई थी, जब महिलाओं ने बेहतर कार्य परिस्थितियों, वोटिंग अधिकारों और समान वेतन के लिए संघर्ष किया। सबसे पहले 1909 में अमेरिका में समाजवादी पार्टी ने यह दिवस मनाया। 1910 में कोपेनहेगन में अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में जर्मन समाजवादी क्लारा ज़ेटकिन ने इस दिवस को वैश्विक रूप से मनाने की पहल की।
पहला आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया था। समय के साथ यह दिन केवल कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों तक सीमित न रहकर समाज के हर क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को मान्यता देने का प्रतीक बन गया।
इस दिन को अब एक उत्सव, चिंतन और सक्रियता के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है।
भारत में महिलाओं के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम (पिछले 10 वर्षों में)
1. महिला सुरक्षा
- निर्भया फंड (2013): इस कोष का उपयोग महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। इसके तहत सुरक्षा एप्स, सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन और सीसीटीवी जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
- महिला हेल्पलाइन (181): संकटग्रस्त महिलाओं के लिए एक अखिल भारतीय टोल-फ्री हेल्पलाइन।
- सेफ सिटी प्रोजेक्ट: प्रमुख शहरों में महिला सुरक्षा के लिए बेहतर लाइटिंग, कैमरा निगरानी और पुलिस गश्त बढ़ाने के लिए शुरू किया गया।
- SHe-Box (यौन उत्पीड़न शिकायत पोर्टल): कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े:
- 2022 तक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 30,000 से अधिक बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े केवल वे हैं जो आधिकारिक रूप से रिपोर्ट हुए हैं; कई मामले सामाजिक दबाव या डर के कारण दर्ज ही नहीं हो पाते।
- राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के अनुसार, 2019 से 2023 के बीच हर साल 20,000 से अधिक महिलाओं ने घरेलू हिंसा (Domestic Violence) की शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
2. कौशल विकास एवं रोजगार
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) (2015): बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने और लिंग समानता को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना चलाई गई।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): इस योजना के तहत महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
- महिला ई-हाट: महिला उद्यमियों के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जहाँ वे अपने उत्पाद सीधे बेच सकती हैं।
- नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC): महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम संचालित करता है।
3. शिक्षा संबंधी योजनाएं
- सुकन्या समृद्धि योजना (2015): बालिकाओं की शिक्षा और उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह बचत योजना चलाई गई।
- प्रगति छात्रवृत्ति: तकनीकी शिक्षा में बालिकाओं को बढ़ावा देने के लिए यह छात्रवृत्ति दी जाती है।
- 'उड़ान' योजना: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में लड़कियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की गई।
4. स्वास्थ्य योजनाएं
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY): गर्भवती महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना।
- पोषण अभियान (2018): महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए राष्ट्रीय अभियान।
5. आर्थिक सशक्तिकरण
- मुद्रा योजना: महिला उद्यमियों को आसान लोन प्रदान कर आत्मनिर्भर बनने में सहायता करती है।
डिजिटल इंडिया का योगदान
इन सभी योजनाओं का लाभ महिलाओं और बालिकाओं तक पहुँचाने में डिजिटल इंडिया अभियान ने बड़ी भूमिका निभाई है। अब अधिकांश योजनाओं में डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों को सीधा पैसा उनके खातों में भेजा जाता है। साथ ही, मोबाइल ऐप्स और आधार केंद्रों के माध्यम से योजनाओं में पंजीकरण प्रक्रिया सरल बनाई गई है, जिससे सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता कम हो गई है।
भारत और विश्व में भारतीय महिलाओं का योगदान
भारतीय महिलाओं ने राजनीति, बॉलीवुड, विज्ञान, शिक्षा, विकास और अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्कृष्ट योगदान से देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। यहां कुछ प्रमुख भारतीय महिलाओं का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में मिसाल कायम की है:
1. राजनीति में भारतीय महिलाओं का योगदान
- इंदिरा गांधी: भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, जिन्हें अपने दृढ़ नेतृत्व और कुशल नीतियों के लिए जाना जाता है।
- सुषमा स्वराज: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता और भारत की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री।
- जयललिता: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और लोकप्रिय नेता, जिन्हें 'अम्मा' के नाम से जाना जाता था।
- ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पहली महिला रेल मंत्री।
- मीरा कुमार: भारत की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष।
- द्रौपदी मुर्मू: भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति (2022 में पद ग्रहण)।
2. बॉलीवुड और मनोरंजन जगत में भारतीय महिलाओं का योगदान
- मधुबाला: अपनी अद्भुत अभिनय क्षमता के लिए जानी जाने वाली क्लासिक अभिनेत्री।
- शबाना आज़मी: सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए प्रसिद्ध।
- प्रियंका चोपड़ा: बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों में अपनी पहचान बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय अभिनेत्री।
- दीपिका पादुकोण: मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रसिद्ध अभिनेत्री।
- स्वाति मुथा: फिल्म निर्माण और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कंटेंट निर्माण में उल्लेखनीय योगदान।
3. विज्ञान में भारतीय महिलाओं का योगदान
- डॉ. आसिमा चटर्जी: भारत की पहली महिला वैज्ञानिक, जिन्होंने आयुर्वेदिक रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण कार्य किया।
- डॉ. रितु करिधल: ‘मंगलयान मिशन’ की डिप्टी ऑपरेशन्स डायरेक्टर, जिन्हें ‘रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है।
- डॉ. मीनल सामंत: कोवैक्सीन (COVAXIN) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रमुख वैज्ञानिक।
- कल्पना चावला: भारतीय मूल की पहली अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने नासा के अंतरिक्ष मिशन में भाग लिया।
- सुनीता विलियम्स: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने का रिकॉर्ड बनाया।
4. शिक्षा और सामाजिक सुधार में भारतीय महिलाओं का योगदान
- सावित्रीबाई फुले: भारत की पहली महिला शिक्षिका, जिन्होंने महिलाओं और दलितों की शिक्षा के लिए संघर्ष किया।
- फातिमा शेख: भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका, जिन्होंने बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया।
- अनीता बोस: प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी नेता सुभाष चंद्र बोस की बेटी और एक शिक्षाविद्।
- मधुरी शाह: शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता।
5. विकास एवं सामाजिक कार्य में भारतीय महिलाओं का योगदान
- मदर टेरेसा: गरीबों और जरूरतमंदों के लिए किए गए मानव सेवा कार्यों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित।
- किरण बेदी: भारत की पहली महिला IPS अधिकारी, जिन्होंने जेल सुधारों में क्रांतिकारी बदलाव लाया।
- अरुंधति भट्टाचार्य: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पहली महिला अध्यक्ष, जिन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया।
- सुधा मूर्ति: प्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी, जिन्होंने ग्रामीण भारत के विकास के लिए कई कार्य किए।
6. अंतरिक्ष में भारतीय महिलाओं का योगदान
- कल्पना चावला: भारतीय मूल की पहली अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने नासा के मिशन में भाग लिया और अंतरिक्ष में शहीद हुईं।
- सुनीता विलियम्स: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने कई अंतरिक्ष अभियानों में भाग लिया।
- डॉ. रितु करिधल: ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की वरिष्ठ वैज्ञानिक, जिन्होंने मंगलयान और चंद्रयान मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मौमिता दत्ता: ISRO में कार्यरत वैज्ञानिक, जिन्होंने अंतरिक्ष अभियानों में उल्लेखनीय योगदान दिया।
भारतीय महिलाओं का प्रभाव और प्रेरणा
इन महिलाओं ने अपने कार्यों से समाज को न केवल प्रेरित किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि मेहनत, लगन और समर्पण के बल पर किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।
अगर आप इनमें से किसी भी क्षेत्र में अधिक जानकारी चाहते हैं या किसी विशेष महिला के योगदान के बारे में जानना चाहते हैं, तो मैं विस्तार से बता सकती हूँ। 😊
डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रस्तुत हिंदू कोड बिल महिलाओं के अधिकारों के लिए एक ऐतिहासिक कदम था।
इस बिल ने महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, विवाह, तलाक, और गोद लेने जैसे मामलों में समान अधिकार प्रदान किए।
यह बिल भारतीय समाज में महिलाओं की समानता और सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया।
डॉ. अंबेडकर का यह प्रयास भारतीय संविधान में महिलाओं को न्याय और गरिमा दिलाने का आधार बना।