आज भारतीय शेयर बाजार में गिरावट: कारण और प्रभाव आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ने नकारात्...
आज भारतीय शेयर बाजार में गिरावट: कारण और प्रभाव
आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ने नकारात्मक रुख दिखाया, जिससे निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई। आइए जानते हैं इस गिरावट के पीछे के मुख्य कारण और विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) व घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) डेटा का विश्लेषण करें। साथ ही, यह भी समझते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव पड़ता है।
बाजार का हाल और गिरावट के आँकड़े
आज, 11 फरवरी 2025 को, भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स 1,018.20 अंक (1.32%) की गिरावट के साथ 76,293.60 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 309.80 अंक (1.32%) की कमी के साथ 23,071.80 पर समाप्त हुआ। दिन के दौरान, सेंसेक्स ने 1,300 अंकों तक की गिरावट दर्ज की, जो 76,030.59 के निचले स्तर तक पहुंचा, जबकि निफ्टी लगभग 400 अंक गिरकर 22,986.65 के स्तर तक पहुंचा। सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे, जिसमें निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेज में 4% और निफ्टी रियल्टी में 3.80% की गिरावट शामिल है।
बाजार गिरावट के प्रमुख कारण
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वैश्विक बाजार में कमजोरी: अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजारों में गिरावट का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 25% टैरिफ बढ़ाने की घोषणा ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।
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अस्थिर जियोपॉलिटिकल स्थिति: रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन-ताइवान विवाद जैसी वैश्विक परिस्थितियों ने निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता को कमजोर किया है।
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कच्चे तेल की कीमतों में उछाल: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक रूप से पड़ता है, क्योंकि इससे मुद्रास्फीति बढ़ती है।
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डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट: भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है।
FII और DII डेटा का विश्लेषण
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FII (Foreign Institutional Investors): आज FII ने भारतीय बाजार से भारी निकासी की है। इस वर्ष अब तक विदेशी निवेशकों द्वारा $9.94 बिलियन की बिकवाली की गई है। ग्लोबल अस्थिरता के कारण विदेशी निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं।
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DII (Domestic Institutional Investors): हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने खरीदारी की कोशिश की, लेकिन वे बाजार की गिरावट को रोकने में विफल रहे।
वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रभाव
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मुद्रास्फीति: वैश्विक स्तर पर बढ़ती मुद्रास्फीति का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ता है। महंगाई बढ़ने से कॉर्पोरेट मुनाफा घटता है, जो शेयर बाजार के लिए नकारात्मक होता है।
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ब्याज दरों में बढ़ोतरी: अमेरिका और यूरोप में बढ़ती ब्याज दरों के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं।
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कमोडिटी प्राइस: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भारतीय कंपनियों की लागत पर पड़ता है।
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वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला: चीन में लॉकडाउन और अन्य वैश्विक आपूर्ति बाधाओं का प्रभाव भारतीय कंपनियों के उत्पादन और मुनाफे पर पड़ रहा है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। गिरावट के दौरान अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदने का अवसर मिलता है।
- अपने पोर्टफोलियो का विविधीकरण करें ताकि जोखिम कम किया जा सके।
- वैश्विक घटनाओं पर नज़र बनाए रखें और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार निवेश निर्णय लें।
आज की गिरावट ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय बाजार वैश्विक घटनाओं से अछूता नहीं है। ऐसे में निवेशकों के लिए सतर्कता और समझदारी से निवेश करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।